• प्रारंभ - 2 अक्टूबर, 2019
• स्थान - बस्तर
• उद्देश्य - महिलाएं एवं बच्चे जो कुपोषण एवं एनीमिया से पीड़ित हैं, उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना।
• सहयोग - यूनिसेफ
• द्वारा - महिला एवं बाल विकास विभाग
• उद्देश्य - आंगनबाड़ी के बच्चों के समग्र विकास हेतु
• आरंभ - 19 नवंबर 2020 (मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत)
• स्थान - 3 नगर पालिक निगमों में - 1. रायपुर 2. भिलाई 3. बिलासपुर
• उद्देश्य - महिला कर्मचारियों द्वारा महिला मरीजों के निःशुल्क इलाज हेतु।
• नोट - देश की पहली महिला स्पेशल क्लीनिक
• आरंभ - 2005
• उद्देश्य - संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्यदर में कमी लाने के उद्देश्य से।
• प्रावधान - अस्पताल में प्रसव कराने पर ग्रामीण महिलाओं को 1400 रुपए तथा शहरी महिलाओं को 1000 रुपए की राशि दी जाती है।
• शुरुआत - वित्तीय वर्ष 2005-06 से
• राशि - 25 हजार रूपए
• उद्देश्य - निर्धन परिवारों को कन्या के विवाह के संदर्भ में होने वाली आर्थिक कठिनाइयों के निवारण हेतु।
• पात्रता - मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के अंतर्गत कार्डधारी परिवार की 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की अधिकतम दो कन्याओं को शर्त पूर्ण करने पर।
• प्रोत्साहन राशि - 1 लाख रुपए
• विशेष - पति पत्नी दोनों की निःशक्तता की स्थिति में 2 लाख रुपए।
• विशेष - कन्या शिशु जन्म दर में वृद्धि हेतु संचालित योजना।
• उद्देश्य - 0 से 3 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराना।
• प्रारंभ - 2012
• उद्देश्य - कुपोषण मुक्ति हेतु 0-5 वर्ष तक के बच्चों को।
• नोट - राज्य में 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से ग्रसित थे। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, संचालित विभिन्न अभियानों के परिणामस्वरूप इस आंकड़े में 13.79 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
• प्रारंभ - 2014
• उद्देश्य - 0 से 18 वर्ष के बच्चों का चार चरणों में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण करना।
• विशेष - इस योजना के तहत कुल 35 बीमारियों को प्रमुखता दी गई है।
• शुरुआत - 02 अक्टूबर 1975
• उद्देश्य - बच्चों के उचित मानसिक (मनोवैज्ञानिक), शारीरिक तथा सामाजिक विकास की नींव डालना।
• 0 से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों में पोषण व स्वास्थ्य की स्थिति को सुधारना।
• मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, कुपोषण, रुग्णता और बीच में स्कूल छोड़ने की घटनाओं में कमी लाना।
• बाल विकास को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न विभागों में नीति निर्धारण और कार्यक्रम लागू करने में प्रभावकारी तालमेल कायम करना।
• प्रारंभ - 1 जनवरी 2017
• प्रावधान - प्रथम जीवित संतानों के लिए 5 हजार रुपए (3 किश्तों में)
• टोल फ्री नम्बर - 181
• गठन - 2 फरवरी 2002
• प्रावधान - छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा महिला स्व सहायता समूहों को आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराना।
• छत्तीसगढ़ महिला कोष ऋण योजना 15 अगस्त 2003 से लागू की गई।
• संचालित योजना - 1. ऋण योजना, 2. स्वावलंबन योजना, 3. सक्षम योजना।
• प्रावधान - स्व सहायता समूह को अधिकतम 50 हजार रुपए तक ऋण 3% वार्षिक ब्याज की दर पर उपलब्ध कराना।
• प्रारंभ - 2009-10
• प्रावधान - विधवा, कानूनी तौर पर तलाकशुदा और 35-45 आयु वर्ग की अविवाहित महिलाओं को 5 हजार तक ऋण आसानी से उपलब्ध कराना।
• विशेष - वित्तीय वर्ष 2017-18 से यौन उत्पीड़न, एचआईवी पॉजिटिव तथा तृतीय लिंग के हितग्राही भी योजना के पात्र हैं।
• आरंभ - 2009-10
• प्रावधान - विधवा, कानूनी तौर पर तलाकशुदा और 35-45 आयु वर्ग की अविवाहित महिलाओं को स्वयं का व्यवसाय आरंभ करने के लिए आसान शर्तों में 1 लाख तक ऋण, वापसी पांच वर्षों में 6.5 प्रतिशत की दर से सुविधा।
• विशेष - वर्ष 2020-21 में महिला हितग्राहियों ने योजना का लाभ प्राप्त किया।
• लक्षित समूह - 11 से 18 वर्ष तक के किशोर बालिका समूह।
• लक्षित जिला - 10 जिला (रायपुर, गरियाबंद, बलौदाबाजार, रायगढ़, राजनांदगांव, कोंडागांव, बस्तर, सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर में)
• प्रावधान - इस योजना के तहत 11 से 14 वर्ष तक के आयु की शाला त्यागी एवं 14 से 18 वर्ष तक की सभी किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार दिया जाता है।
• लक्षित समूह - 11 से 13 वर्ष तक की किशोरी बालिकाएं।
• लागू जिला - सबला योजना संचालित जिलों को छोड़कर शेष जिलों में संचालित।
• प्रावधान - इस योजना में पूरक पोषण आहार प्रदान नहीं किया जाता है, योजना अंतर्गत प्रशिक्षण एवं विभाग द्वारा महिलाओं के लिए संचालित विभागीय संस्था पर संगठन करवाना है। इसके साथ 1. बालिकाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण 2. बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण 3. शाला त्यागी बालिकाओं को आंगनबाड़ी से जोड़ना।
• शुभारंभ - 22 जनवरी 2015
• चयन - छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले को
• भारत शासन द्वारा पूरे देश की 161 चयनित जिलों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लागू की गई है। छत्तीसगढ़ में रायगढ़ एवं बीजापुर जिले का चयन किया गया है।
• शुभारंभ - 1 अप्रैल 2014
• प्रावधान - अप्रैल 2014 के बाद जन्मी हो उन्हें कक्षा बारहवीं तक शिक्षा पूर्ण होने पर तथा 18 वर्ष तक विवाह ना होने की स्थिति में वित्तीय संस्था द्वारा 1 लाख रुपए परिपक्वता राशि दी जाएगी।
• प्रारंभ - 16 जुलाई 2015 प्रदेश में भारत का पहला वन स्टॉप सेंटर रायपुर शेष सभी जिलों में 10 मार्च 2017 से वन स्टॉप सेंटर प्रारंभ किया गया है।
• उद्देश्य - घर के भीतर अथवा किसी भी रूप में पीड़ित व संकटग्रस्त महिला को आवश्यकतानुसार सुविधा / सहायता तत्काल उपलब्ध कराते हुए जरूरतमंद महिलाओं को चिकित्सा, विधिक सहायता, मनोवैज्ञानिक सलाह, मानसिक चिकित्सा परामर्श सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराना।
• प्रारंभ - मई 2016
• प्रावधान - इस योजना का क्रियान्वयन आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से किया जाएगा। यहां गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक व गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
• प्रारंभ - 24 जनवरी 2017
• प्रावधान - राज्य के विद्यालयों में सेनेटरी नेपकिन वेडिंग मशीन और भस्मक मशीन की स्थापना करना।
• उद्देश्य - बच्चों और महिलाओं की मानव तस्करी के निवारण तथा व्यावसायिक यौन शोषण से पीड़ितों के बचाव तथा पुनर्वास हेतु।
• अंशदान - केन्द्र : राज्य : स्वैच्छिक संगठन = 60 : 30 : 10
• विशेष- बिलासपुर, कोरबा, कोरिया में संरक्षण व पुनर्वास गृह की स्वीकृति।
• रायपुर में रोकथाम व बचाव के लिए परियोजना की स्वीकृति।
• उज्ज्वला गृहों में 2020-21 में 70 महिलाओं और 13 बच्चों को आश्रय प्रदान किया गया है।
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