राजवंश - नागवंशी
संस्थापक - लक्ष्मीनिधिराय
विवरण - 'नागवंश' नामक पुस्तक में
पूर्वज - राजा सभासिंह
प्रारंभिक राजधानी - खोलवा
राजधानी - खैरागढ़
विशेष - सर्वाधिक बड़ा क्षेत्रफल वाला रियासत।
खैरागढ़ रियासत के प्रमुख शासक -
लक्ष्मीनिधिराय
• इन्होंने अपनी शौर्यता से मण्डला नरेश संग्राम सिंह को पराजित कर खोलवा क्षेत्र 15 वीं शताब्दी में पुरस्कार स्वरूप प्राप्त किया।
• इनके शासनकाल में राजधानी खोलवा थी।
खड़ग राय
• इस वंश के शासक खड्ग राय को 1756 में भोंसले ने सामंत के रूप में मान्यता दी थी।
• उन्होंने राजधानी खोलवा के स्थान पर खैरागढ़ कर दिया था।
टिकैत राय
• इसके शासनकाल में 1816 ई. में डोंगरगढ़ जमींदार ने विद्रोह का बिगुल बजा दिया।
• टिकैत राय ने राजनांदगांव रियासत की सहायता से इस विद्रोह को कुचल दिया।
• टिकैत राय के सैन्य कार्य से प्रसन्न होकर नागपुर के दरबार में इसे डोंगरगढ़ की जमींदारी प्रदान कर दी।
दिगपाल सिंह
• नांदगांव के शासक ने डोंगरगढ़ विद्रोह को दबाने के बदले कुछ स्थान मांग किये।
• दिगपालसिंह ने उसे छुरिया और सिंगारपुर का कुछ हिस्सा प्रदान किया।
लाल फतेह सिंह
• इस वंश के शासक लाल फतेह सिंह ने 1857 की क्रांति में अंग्रेजों की सहायता की थी।
• 1873 ई. में कुशासन का आरोप लगाकर उसे वित्तीय और प्रशासनिक प्रबंधन से वंचित कर दिया गया।
वीरेन्द्र बहादुर सिंह
• कालांतर में 10 दिसंबर 1935 को पॉलिटिकल एजेंट ने वीरेन्द्र बहादुर को शासन का अधिकार व शक्तियों प्रदान की।
• वीरेन्द्र बहादुर 1937 में ब्रिटिश सम्राट के तिलक उत्सव में भाग लेने लंदन गये थे।
• 1945 ई. में जनता ने 10 वर्ष पूर्ण करने की खुशी में अभिनंदन पत्र एवं 2501 रू की एक थैली प्रदान की।
• इन्हीं के शासनकाल में खैरागढ़ रियासत का भारत संघ में विलय हो गया।
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