सारंगढ़ रियासत | छत्तीसगढ़ के रियासत | Princely State of Sarangarh

Princely State of Sarangarh

संस्थापक - नरेन्द्र साय

क्षेत्रफल - 540 वर्ग मील

सारंगढ़ का अर्थ - बांस का दुर्ग

राजवंश - गोंड़ राजा

आगमन - लांजी नामक स्थान से

सारंगढ़ रियासत के प्रमुख शासक -

कल्याण साय

• रघुजी भोंसले ने इन्हें राजा की पदवी से विभूषित किया।

• यहां के शासक कल्याण साय ने मराठों की सहायता की थी। कल्याण साय के उत्तराधिकारी विश्वनाथ साय हुए।

विश्वनाथ साय

• विश्वनाथ साय ने सम्बलपुर के शासक जैतसिंह को गद्दी पर बैठाने में सहयोग किया था एवं जैतसिंह ने सरिया परगना उन्हें उपहार स्वरूप प्रदान किया था।

• इन्होंने अलैक्जेण्डर इलियट की समाधि बनाने हेतु सारंगढ़ के समीप साला नामक स्थान पर भूखण्ड प्रदान किया।

संग्राम सिंह

• राजा संग्राम सिंह ने 1857 की क्रांति के समय ब्रिटिश शासन को सहयोग व समर्थन दिया था।

• 1857 में ही विद्रोही नेता कमलसिंह को बंदी बनाकर ब्रिटिश सरकार के सुपुर्द किया था।

जवाहर सिंह

• 3 नवंबर 1909 को जवाहर सिंह को राजकुमार कॉलेज में सामंत शासक के रूप में उन्हें राज्याधिकार के साथ सत्तारूढ़ किया।

• राजा जवाहर सिंह को ब्रिटिश सरकार ने 3 जून 1918 को "राजा बहादुर" एवं 3 जून 1934 को 'सी.आई.ई.' की उपाधि से विभूषित किया।

राजा नरेश सिंह

• अंतिम शासक के रूप में राजा नरेश सिंह गद्दी पर बैठे एवं उन्हीं के शासनकाल में सारंगढ़ रियासत का भारत संघ में विलय 1 जनवरी, 1948 को हो गया।

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