संस्थापक - नरेन्द्र साय
सारंगढ़ का अर्थ - बांस का दुर्ग
राजवंश - गोंड़ राजा
आगमन - लांजी नामक स्थान से
सारंगढ़ रियासत के प्रमुख शासक -
कल्याण साय
• रघुजी भोंसले ने इन्हें राजा की पदवी से विभूषित किया।
• यहां के शासक कल्याण साय ने मराठों की सहायता की थी। कल्याण साय के उत्तराधिकारी विश्वनाथ साय हुए।
विश्वनाथ साय
• विश्वनाथ साय ने सम्बलपुर के शासक जैतसिंह को गद्दी पर बैठाने में सहयोग किया था एवं जैतसिंह ने सरिया परगना उन्हें उपहार स्वरूप प्रदान किया था।
• इन्होंने अलैक्जेण्डर इलियट की समाधि बनाने हेतु सारंगढ़ के समीप साला नामक स्थान पर भूखण्ड प्रदान किया।
संग्राम सिंह
• राजा संग्राम सिंह ने 1857 की क्रांति के समय ब्रिटिश शासन को सहयोग व समर्थन दिया था।
• 1857 में ही विद्रोही नेता कमलसिंह को बंदी बनाकर ब्रिटिश सरकार के सुपुर्द किया था।
जवाहर सिंह
• 3 नवंबर 1909 को जवाहर सिंह को राजकुमार कॉलेज में सामंत शासक के रूप में उन्हें राज्याधिकार के साथ सत्तारूढ़ किया।
• राजा जवाहर सिंह को ब्रिटिश सरकार ने 3 जून 1918 को "राजा बहादुर" एवं 3 जून 1934 को 'सी.आई.ई.' की उपाधि से विभूषित किया।
राजा नरेश सिंह
• अंतिम शासक के रूप में राजा नरेश सिंह गद्दी पर बैठे एवं उन्हीं के शासनकाल में सारंगढ़ रियासत का भारत संघ में विलय 1 जनवरी, 1948 को हो गया।
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