छत्तीसगढ़ के रियासतों के संविलियन के साथ एकीकरण | Integration with the merger of princely states of CG

रियासत ब्रिटिश राज के दौरान हिन्दुस्तान में हिन्दू राजा-महाराजाओं व मुस्लिम शासकों जिन्हें आम बोलचाल की भाषा में नवाब कहा जाता था, के स्वामित्व में स्वतन्त्र इकाइयों को कहा जाता था। 15 अगस्त, 1947 को स्वतन्त्रता से पूर्व भारत में 565 रियासतें थीं। इनमें से 14 रियासतें छत्तीसगढ़ में थी।

Integration with the merger of princely states of CG

राजाओं की ऐतिहासिक बैठक

स्थान - नागपुर

तिथि - 15 दिसम्बर 1947 को

शामिल - छत्तीसगढ़ की 14 रियासतों में से 11 रियासतों के शासक

केन्द्रीय पदाधिकारी - सरदार वल्लभ भाई पटेल, सचिव - वी. पी. मेनन

प्रांतीय पदाधिकारी - गवर्नर - मंगल दास पकवासा, मुख्यमंत्री - पं. रविशंकर शुक्ल

छत्तीसगढ़ के रियासतों का विलय

• 1 जनवरी 1948 को भारत संघ में विलय हो चुका था।

नेतृत्वकर्ता - सरदार वल्लभ भाई पटेल

सहयोगी - पं. रविशंकर शुक्ल

छत्तीसगढ़ के रियासत, संस्थापक एवं विलय पत्र पर हस्ताक्षरकर्ता

• सभी रियासतों के शासकों ने संविलियन पत्र में हस्ताक्षर किए थे जो निम्न प्रकार से है -

देशी रियासत
संस्थापक
विलय पत्र पर हस्ताक्षरकर्ता
नांदगांव महंत हरिदास रानी जयंती देव
रायगढ़ मदन सिंह ललित सिंह
सारंगढ़ नरेन्द्र साय नरेश चंद्र सिंह
बस्तर अन्नमदेव प्रवीरचंद्र भंजदेव
कांकेर कन्हरदेव भानुप्रताप सिंह देव
खैरागढ़ लक्ष्मीनिधि राय राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह 
छुईखदान महंत रूपदास रितुपर्ण किशोर दास
कवर्धा महाबली सिंह धर्मराज सिंह
कोरिया धारामल साह रामानुज प्रताप सिंह
उदयपुर
चंद्रचूड़ प्रताप सिंह देव
सक्ती हरि व गुजर लीलाधर सिंह
सरगुजा विष्णु प्रसाद सिंह रामानुज शरणसिंह देव 
चांगभखार जगदीश सिंह कृष्णप्रताप सिंह
जशपुर सुजानदेव टी. सी. आर. मेनन

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